कानपुर (नगर संवाद)| हमारे देश में हर साल 26 नवंबर के दिन राष्ट्रीय संविधान दिवस मनाया जाता है।
यह दिन वर्ष 1949 में पहली बार भारतीय संविधान को अपनाए जाने का प्रतीक है, जो कि 2 साल 11 माह 18 दिन में लिखकर ( बनकर) तैयार हुआ था।
जो 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू हुआ, जिससे भारत एक संप्रभु गणराज्य बन गया।
बाबा साहब डॉ भीमराव अंबेडकर को भारतीय संविधान के जनक के रूप में जाना जाता है जो कि संविधान सभा के अध्यक्ष भी थे।
संविधान सभा की पहली बैठक 9 दिसम्बर सन् 1946 को हुई थी यह संविधान के निर्माण की शुरुआत थी।
संविधान में पहला संशोधन साल 1951 में हुआ और तब से इसमें बदलाव होते रहे हैं।
संविधान सभी नागरिकों को अपने मौलिक अधिकारों और स्वतंत्रता की गारंटी देने के साथ सरकार व उसके कार्यों की रूप रेखा को स्थापित करता है।
राष्ट्रीय संविधान दिवस इसके मूल्यों, न्याय, समानता और विविधिता में एकता के महत्व की याद दिलाता है।
इस दिन को मनाने के लिये स्कूलों और संस्थानों में विभिन्न समारोह और कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
इसी क्रम में आज इस दिन के अवसर पर भाजपा
अनुसूचित जनजाति मोर्चा के पदाधिकारी अनिल माथुर प्रतिनिधि संसदीय सदन सभापति एमएलसी दर्जा प्राप्त (सुरेन्द्र चौधरी) व दक्षिण जिला अध्यक्ष अनुसूचित मोर्चा नरेश कठेरिया जी ने अपने साथी कार्यकर्ताओं संग श्याम नगर पी ए सी मोड़ स्थित बाबा साहब की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि की तथा मौन रखकर उन्हें याद किया।