अखिलेश दुबे से गठजोड़ में 3 सीओ, एक इंस्पेक्टर और KDA के दो कर्मी, कंपनी भी बनाई;

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Kanpur।  खुलेगा करोड़ों का लेनदेन

एसआईटी ने जेल में बंद कानपुर के अधिवक्ता अखिलेश दुबे से संबंध रखने में ऋषिकांत शुक्ला समेत तीन क्षेत्राधिकारियों (सीओ), एक इंस्पेक्टर और केडीए के दो कर्मचारियों को नोटिस भेजे हैं। उन्हें बयान देने के लिए भी बुलाया है। शिकायतकर्ताओं का इन सभी लोगों पर अखिलेश दुबे के वसूली के खेल में शामिल होने का आरोप है।

कमिश्नरी पुलिस की ओर से गठित एसआईटी दुष्कर्म और छेड़छाड़ के झूठे आरोपों में एफआईआर कराकर वसूली करने वाले गिरोह की जांच कर रही है। एसआईटी के पास अब तक 17 से अधिक शिकायतें आ चुकी हैं, जिनमें से 12 से ज्यादा मामले अखिलेश दुबे और उसके साथियों से जुड़े हुए हैं।

भाजपा नेता रवि सतीजा, होटल कारोबारी सुरेश पाल, एक अधिवक्ता, संस्था के महामंत्री शैलेंद्र कुमार की तहरीर पर एफआईआर दर्ज हुई हैं। इन मामलों के वादी और नए शिकायतकर्ताओं ने एसआईटी को वसूली के खेल में पुलिस के अधिकारी, केडीए, राजस्व विभाग के स्टाफ के संलिप्त होने के साक्ष्य दिए हैं। शिकायतकर्ताओं ने बताया कि कई क्षेत्राधिकारी, केडीए के कर्मचारी अक्सर अखिलेश दुबे के कार्यालय में उससे मिलने आया करते थे। 

ये अफसर आए जांच के दायरे में

स्टाफ ऑफिसर राजेश कुमार पांडेय ने बताया कि एसआईटी ने मैनपुरी में तैनात सीओ ऋषिकांत शुक्ला, लखनऊ में तैनात सीओ विकास पांडेय, हरदोई में तैनात सीओ संतोष सिंह, इंस्पेक्टर आशीष द्विवेदी, केडीए उपाध्यक्ष के पूर्व पीए महेंद्र सोलंकी और मौजूदा केडीए वीसी के पीए कश्यपकांत दुबे को नोटिस भेजे हैं। ऋषिकांत शुक्ला शहर में एसओजी प्रभारी रहे। उन्होंने कई एनकाउंटर किए। प्रोन्नत होकर इंस्पेक्टर और सीओ बने। इसी तरह संतोष सिंह पूर्व में इंस्पेक्टर और प्रोन्नत होकर शहर में तैनात रहे। विकास पांडेय भी कानपुर में रह चुके हैं। महेंद्र सोलंकी मौजूदा समय में बस्ती प्राधिकरण में तैनात हैं।

तीन डिप्टी एसपी ने अखिलेश संग मिलकर बनाई थी कंस्ट्रक्शन कंपनी

कानपुर शहर में तैनात रहे ऋषिकांत शुक्ला समेत तीन डिप्टी एसपी, इंस्पेक्टर और केडीए के पूर्व और वर्तमान उपाध्यक्ष के पीए के खिलाफ एसआईटी को अखिलेश दुबे के साथ जमीन के कारोबार और आर्थिक लेनदेन में संलिप्त होने के सबूत मिले हैं। परिजनों के नाम कंस्ट्रक्शन कंपनी बनाकर करोड़ों रुपये के धंधे की बात भी पता चली है।

यह सबूत शिकायतकर्ताओं ने पुलिस के अधिकारियों को दिए हैं। उन्होंने पहले आरोप लगाया था फिर बयान देने के दौरान इन्हें सबूत भी उपलब्ध करा दिए। सूत्र बताते हैं कि एसआईटी के अधिकारी नोटिस जारी होने वाले छह सरकारी कर्मियों से सवाल-जवाब कर सकते हैं।

अखिलेश दुबे और उसके साथियों की कई संपत्तियां कई शहरों में


अधिकारियों के मुताबिक, अखिलेश दुबे और उसके साथियों की कई संपत्तियां कानपुर और अन्य शहरों में हैं। इनकी जांच पुलिस के साथ ही जिला प्रशासन, केडीए और अन्य विभाग के अधिकारी कर रहे हैं। इनकी जांच में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। एसआईटी और कमिश्नरी के अधिकारी अभी खुलकर कुछ भी नहीं बोल रहे हैं।

बिठूर, नौबस्ता, किदवईनगर आदि स्थानों पर खरीदी गई जमीनें
एसआईटी के सामने शिकायतकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि जिले में तैनाती के समय तीनों सीओ वर्तमान में मैनपुरी में तैनात सीओ ऋषिकांत शुक्ला, लखनऊ में सीओ विकास पांडेय, हरदोई में सीओ संतोष सिंह और केडीए उपाध्यक्ष के पूर्व पीए महेंद्र सोलंकी, मौजूदा केडीए वीसी के पीए कश्यपकांत दुबे, इंस्पेक्टर आशीष द्विवेदी ने अखिलेश दुबे और उसके कुछ सहयोगियों के साथ मिलकर सस्ते दामों पर विवादित जमीनें खरीदीं। ये जमीनें बिठूर, नौबस्ता, किदवईनगर आदि स्थानों पर खरीदी गई हैं।

अब इन जमीनों को महंगे दामों पर बेचा जा रहा है। उनको इस संबंध में जमीनों के कुछ साक्ष्य भी दिए हैं। सूत्र बताते हैं कि अखिलेश दुबे और साथियों के खिलाफ एफआईआर कराने वाले वादी भी कई साक्ष्य दे चुके हैं।

कर्मचारी नेता समेत पार्टी कार्यकर्ताओं की भी पहुंचीं शिकायतें
एसआईटी के पास जमीन संबंधी मामलों में कर्मचारी नेता और सत्ताधारी पार्टी के कुछ कार्यकर्ताओं के खिलाफ भी शिकायतें पहुंची हैं। इसमें जमीन कब्जा करने और उसकी सेटिंग कराने के गंभीर आरोप हैं। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, इन लोगों ने जमीन के दस्तावेज तैयार कराने और उसको बिकवाने में सहयोग किया है। कुछ जगहों पर गवाही भी दी है। अखिलेश दुबे और उसके साथियों का उन पर हाथ रहा है। 

नौ शिकायतों में जांच हो चुकी लगभग पूरी
एसआईटी के पास साकेतनगर की महिला कारोबारी, तात्याटोपेनगर के होटल व्यवसायी समेत 12 से अधिक शिकायतों की जांच में से नौ की जांच शनिवार तक लगभग पूरी हो चुकी है। शनिवार को तीन शिकायकर्ताओं ने बयान दर्ज कराए। कुछ ने कागजी दस्तावेज के साथ इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य भी दिए हैं। अब कमिश्नरी पुलिस के अधिकारियों के निर्देश पर एफआईआर कराई जाएगी।

केडीए वीसी ने निजी सचिव को पद से हटाया
अखिलेश दुबे से जुड़े पुलिस अधिकारियों और केडीए के दो कर्मचारियों के नाम एसआईटी का नोटिस जारी होने के बाद केडीए वीसी ने अपने वर्तमान निजी सचिव कश्यपकांत दुबे को निजी सचिव पद से हटा दिया है। कश्यपकांत पिछले करीब तीन साल से केडीए वीसी के सचिव का काम देख रहे हैं। अब वीसी के निजी सचिव का काम अमित श्रीवास्तव देखेंगे। 

इंस्पेक्टर ने कई लोगों को पहुंचाया था अखिलेश के दरबार
एसआईटी को पुलिस कमिश्नर के पीआरओ रहे इंस्पेक्टर आशीष द्विवेदी के कई लोगों को अखिलेश के दरबार में पहुंचाने के साक्ष्य मिले हैं। सबसे पहले भाजपा नेता रवि सतीजा ने ही उस पर केस खत्म कराने की बात कहकर अखिलेश दुबे से मुलाकात कराने का आरोप लगाया था। रवि सतीजा दुष्कर्म व पॉक्सो एक्ट की एफआईआर होने के बाद पुलिस कमिश्नर से मिलने गए थे।

इंस्पेक्टर आशीष द्विवेदी पर जेल में बंद अधिवक्ता दीनू उपाध्याय और अखिलेश दुबे के लिए कार्य करने के कई गंभीर आरोप हैं। सोशल मीडिया पर दीनू उपाध्याय के साथ उसकी फोटो भी वायरल हो रही है।

इसी तरह, एसआईटी के सामने शिकायतकर्ताओं ने बर्रा, नौबस्ता, किदवईनगर, जूही, गोविंदनगर थाने के पूर्व के कुछ इंस्पेक्टर, चौकी इंचार्ज के अखिलेश दुबे के साथ संलिप्त होने और विवादित मामलों की सूचना देने के आरोप लगाए हैं। उन्होंने पूर्व की तहरीर भी दिखाई हैं जिसमें कार्रवाई करने की बजाय उल्टा उनके खिलाफ ही कार्रवाई की गई थी। 

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