पंचायत सहायकों की मनमानी रवैया से ग्रामीणों को नहीं मिल रहा है सरकारी योजनाओं का लाभ

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बाराबंकी। ● आखिर इन लापरवाह पंचायत सहायकों पर क्यों मेहरबान है अधिकारी

सिद्धौर बाराबंकी सरकारी योजनाओं की रीढ़ माने जाने वाले पंचायत सहायक ही जब लापता हो जाएं तो व्यवस्था की पोल खुलना तय है।

  ग्राम पंचायत डिघावा, अचकमऊ और छतौरा में कुछ ऐसा ही नज़ारा देखने को मिल रहा है।

डिघावा पंचायत भवन – दोपहर 12 बजे: पंचायत सहायक शिवानी वर्मा के नदारद रहने के कारण आयुष्मान कार्ड, फैमिली आईडी राशन कार्ड मनरेगा जॉब कार्ड विधवा वृद्धा पेंशन व अन्य दस्तावेज़ बनवाने आए ग्रामीणों को मायूसी हाथ लगी । ग्रामीणों ने बताया कि मजबूरी में उन्हें जन सेवा केंद्रों का रुख करना पड़ता है, जहां उनसे मोटी रकम वसूली जाती है।

अचकमऊ में हाल और भी बुरा: यहाँ के पंचायत सहायक सुनील वर्मा तो मानो पंचायत भवन आना ही भूल चुके हैं। ग्रामीणों का कहना है कि महीनों से उन्होंने पंचायत सहायक का चेहरा नहीं देखा। योजनाएं ठप पड़ी हैं और लोगों को अपने अधिकारों के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है।

छतौरा में भी पंचायत सहायक लापता: पंचायत सहायक हिमांशु वर्मा के बारे में नाम न छापने की शर्त पर एक व्यक्ति ने बताया कि वे जनपद से बाहर रह रहे हैं। ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या उच्च अधिकारी इस मामले में जिम्मेदार लोगों पर क्या कार्यवाही करते हैं

संवाददाता -रामकुमार वर्मा

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